
मुझे लगता है कि, इस घटना के बाद मुम्बई वासियों को चेत जाना चाहिए और इन जैसे अतिवादियों का सामुहिक बहिष्कार करना चाहिए, इन्हें वोट नहीं देना चाहिए
इस दुष्कर्म ने दिखा दिया है कि ये लोग मुम्बई में किस तरह का शासन चाहते हैं. ये लोग मुम्बई समेत सारे महाराष्ट्र में तालिबानी शासन चाहते हैं, जहां हर कोई इनकी हां में हां मिलाए, इनका गुणगान करे और पूजा करे. ये ऐसा शासन चाहते हैं जिसमे इनके विरोधियों के लिए कोई जगह न हो. अत: अब मुम्बई के लोगों, मतदाताओं को तय करना होगा कि वो अपने लिए, अपने बच्चों के लिए कैसी व्यवस्था चाहते हैं?