बार-बार अपने आपको समझाता हूं,
तुम्हे भी बतलाता हूं,
कि मैं परेशान नहीं हूं,
हैरान नहीं हूं.
लेकिन ये सच नहीं है.
अब, तुम जानना चाहोगे,
फिर क्या है सच?
अभी मुझे खुद नहीं पता.
खोज रहा हूं,
फोन में,
कमरे में,
पुरानी यादों में,
गंदी डायरी में,
कमरे के बाहर,
हर जगह,
हर तरफ.
मिल गया तो जरुर बताउंगा,
क्योंकि सच जानना जरुरी है.
तुम्हे भी बतलाता हूं,
कि मैं परेशान नहीं हूं,
हैरान नहीं हूं.
लेकिन ये सच नहीं है.
अब, तुम जानना चाहोगे,
फिर क्या है सच?
अभी मुझे खुद नहीं पता.
खोज रहा हूं,
फोन में,
कमरे में,
पुरानी यादों में,
गंदी डायरी में,
कमरे के बाहर,
हर जगह,
हर तरफ.
मिल गया तो जरुर बताउंगा,
क्योंकि सच जानना जरुरी है.
5 टिप्पणियां:
आज कल सच मिलता कहाँ है ...अच्छी अभिव्यक्ति
excellent expression!!
mila...yaa abhi bhi khoj jaari hai???
fauziya..philhal khoj bnd hai.
sach hota kahan hai?
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