सोमवार, फ़रवरी 28, 2011

दुख....

तुमने अपना कह लिया,
मेरा सुना ही नहीं.
आए और चले भी गए.......
सबकुछ देखा,
मेरी तरफ मुड़े भी नहीं.

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