बतकही
मौके-बेमौके हो जाने वालीं बेकार सी कुछ बातें...
गुरुवार, मार्च 03, 2011
एक पत्रकार हूं!
हर गरीब,
भूखा-नंगा,
बिमार-लाचार,
मेरे लिए मात्र समाचार है.
क्योंकि मैं इन्सान से आगे की चीज- एक पत्रकार हूं!
सोमवार, फ़रवरी 28, 2011
दुख....
तुमने अपना कह लिया,
मेरा सुना ही नहीं.
आए और चले भी गए.......
सबकुछ देखा,
मेरी तरफ मुड़े भी नहीं.
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