शनिवार, नवंबर 21, 2009

ऐसा होगा शिव सैनिकों का राज.....!!!!

कल, बाल ठाकरे के गुंडों ने मुम्बई के एक टीवी चैनल के दफ्तर में मार-पीट और तोड़-फोड़ की. इस घटना के बाद सेना के एक प्रवक्ता ने गर्व के साथ स्वीकार किया कि हमला “शिव सैनिको” ने किया है.
मुझे लगता है कि, इस घटना के बाद मुम्बई वासियों को चेत जाना चाहिए और इन जैसे अतिवादियों का सामुहिक बहिष्कार करना चाहिए, इन्हें वोट नहीं देना चाहिए

इस दुष्कर्म ने दिखा दिया है कि ये लोग मुम्बई में किस तरह का शासन चाहते हैं. ये लोग मुम्बई समेत सारे महाराष्ट्र में तालिबानी शासन चाहते हैं, जहां हर कोई इनकी हां में हां मिलाए, इनका गुणगान करे और पूजा करे. ये ऐसा शासन चाहते हैं जिसमे इनके विरोधियों के लिए कोई जगह न हो. अत: अब मुम्बई के लोगों, मतदाताओं को तय करना होगा कि वो अपने लिए, अपने बच्चों के लिए कैसी व्यवस्था चाहते हैं?

शुक्रवार, नवंबर 20, 2009

चैनल के साथ जनता का समर्थन है.



(इन दिनों हर कोई इन्डिया टीवी के पीछे पड़ा है, कोई खराब कंटेंट का नाम लेकर इस चैनल को गाली दे रहा है तो कोई खबर की प्रस्तुति को लेकर सवाल उठा रहा है. किसी को परेशानी है कि चैनल प्राइम टाइम पर भूतों की कहानी दिखा रहा है तो कुछ लोग कहते फिर रहें हैं कि यह चैनल तो देखने लायक ही नहीं है, बेकार है.
तो ऐसे में, इंडिया टीवी के एक दर्शक ने सभी संपादकों और टीवी आलोचकों के नाम एक शिकायती पत्र लिखा है जिसे जैसा का तैसा नीचे प्रकाशित किया जा रहा है.)
प्रिय संपादकों,
तमाम पोर्टल और अखबार
मैं इंडिया टीवी का एक जागरुक दर्शक हूं, और ऐसा कम ही होता है जब मेरी आंखे टीवी से मतलब इडिया टीवी से हटती हैं, और इधर-उधर मतलब दूसरे ख़बरिया चैनल या किसी पोर्टल की तरफ देखती हैं. मैं इंडिया टीवी के अलावा न तो किसी को देखना पंसद करता हूं और न ही सुनना.
 अब आप सोच रहे होंगे कि मैं यह पत्र आपसब को क्यों और कैसे लिख रहा हूं? साहब, आपको यह मालूम होना चाहिए कि आजतक मैंने रजत जी के अलावा दूसरे किसी भी संपादक को कोई खत नहीं लिखा. लेकिन इस बार लिखना पड़ रहा है.